43 साल बाद मोरबी में दिखा वैसा ही मौ’त का मंजर, पहले भी मच्छू नदी ले चुकी है हजारों जा’नें
रविवार की शाम गुजरात के मोरबी जिले में द’र्दनाक हा’दसा हुआ। मच्छू नदी पर बना दशकों पुराना केबल ब्रिज टू’ट गया, बताया जा रहा है कि हा’दसे के वक्त पुल पर 400 से ज्यादा लोग मौजूद थे। अचानक से पुल टूट गया और पुल पर खड़े लोग नदी में गिर’ने लगे। हा’दसे में 143 से ज्यादा लोगों की मौ”त हुई है और सैकड़ों लोग लापता हैं। हादसे के बाद लोगों को मच्छू नदी से जुड़ा हुआ एक और द’र्दनाक हाद’सा याद आ गया। जिसने हज़ारों जानें ली थी।
बांध टूटने से हुआ था हा’दसा
यह हादसा मच्छू नदी पर बना डैम टूटने से हुआ था। तारीख थी 11 अगस्त की और साल 1979। इस दिन मच्छू नदी के कारण पूरा शहर श्मशान में बदल गया था। शहर में लगातार बारिश हो रही थी। जिससे स्थानीय नदियों में बाढ़ आ गई थी और मच्छू डैम ओवरफ्लो हो गया था। इससे कुछ ही देर में पूरे शहर में तबाही मच गई थी। देखते ही देखते मकान और इमारतें गि’र गईं, जिससे लोगों को संभलने और बचने का कोई मौका भी नहीं मिला।
1500 से अधिक लोगों की हो गई थी मौ’त
इस हादसे में लगभग 1500 मौ’तें हुई थीं। इसके अलावा 13000 से ज्यादा जानवरों की भी मौ’त हुई। यह आंकड़ा तो सरकारी कागजों के अनुसार है। असल आंकड़ा इससे भी ज्यादा था।
ला’शों की दुर्गंध से भर गया था शहर
इस द’र्दनाक हादसे के कुछ दिन बाद इंदिरा गांधी ने मोरबी का दौरा किया तो ला’शों की दु’र्गंध इतनी ज्यादा थी कि उनको अपनी नाक पर रुमाल रखना पड़ा था। इंसानों और पशुओं की ला’शें सड़ चुकी थीं। चारों तरफ तबाही का मंजर था। राहत और बचाव कार्य के लिए देशभर से संस्थाएं और लोग मोरबी पहुंचे थे।